Monday, October 1, 2018

नवमी तिथि का क्षय होने के कारण नवरात्री आठ दिन की होगी।


नवरात्री हमारे यहाॅ हिंदूओ के द्वारा मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। यह संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है नौ राते। इन नौ रातो और दस दिनों के दौरान शक्ति के नौ रुपों की पुजा की जाती है।



हमारे यहाॅ पंचागनुसार चैत्र नवरात्रि से ही नववर्ष के पंचागं की गणना शुरु होती है। नवरात्री के पहले दिन घट स्थापना की जाती है। इसके बाद नवरात्री के नौ दिन मां भवानी की पुजा हेती है। नवरा़़त्री के नौ दिन मां के अलग अलग रुप व अवतार की पुजा की जाती हैं, चैत्र नवरात्रि में उपासना पुजा करने से आत्मशुद्धि के साथ साथ मन की शुद्धि और घर में नकारात्मकता भी दुर होती है। और वातावरण में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। सकारात्मक उर्जा की प्रतीक चैत्र नवरात्री इस बार 18 मार्च से शुरु होकर 25 मार्च तक चलेगीं। परन्तु अबकी बार नवमी तिथि का क्षय होने के कारण नवरात्री आठ दिन की होगी।
नवरात्री साल में दो बार आती है। पहली चैत्र नवरात्री और दुसरी शारदीय नवरात्रि इसके अलावा आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले दो गुूप्त नवरात्रि पर भी मां दुर्गा की विषेश पुजा अर्चना की जाती है।

नौ शक्तियों के रुप इस प्रकार है। -
शैलपुत्री- इसका अर्थ पहाड़ो की पुत्री
ब्रह्मचारिणी - ब्रह्म के समान विचरण करने वाली
चंद्रघंटा- चांद की तरह चमकने वाली
कूष्माण्डा- इसका अर्थ पुरा जगत उनके पैर में है।
स्कंदमाता- कार्तिक स्वामी की माता
कात्यायनी- कात्यायन आश्रम में जन्मि
कालरात्री- काल का नाश करने वाली
महागौरी- सफेद रंग वाली मां।
सिद्धिदात्री- सर्व सिद्धि देने वाली।

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